शनि ग्रह आगामी 2 नवम्बर, 2014 को तुला राशि से वृश्चिक राशि में जा रहे हैं. शनि ग्रह का यह राशि परिवर्तन ढाई वर्ष बाद
हो रहा हैं. वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि सारे ग्रहों में क्रूरतम माने जाते हैं.
पूरे रशिमंडल की परिक्रमा करने में शनि को लगभग 29.46 वर्ष व एक राशि में
लगभग ढाई वर्ष लगते हैं.
शनि ग्रह के इस राशि परिवर्तन से बहुत
सारी राशियों पर से साढ़े साती व ढैय्या समाप्त हो जायेगी व बहुत
सारी राशियों पर साढ़े साती व ढैय्या प्रारंभ हो जायेगी. इसके साथ
बहुत सारे लोगों के रुके हुए काम प्रारंभ हो जायेंगे व बहुत सारे लोगो के लिए दुःख
और पीड़ा का समय प्रारंभ हो जाएगा.
जिन लोगों को पता न हो उनको यह जानना
जरूरी हैं कि साढ़े साती का अर्थ साढ़े सात वर्ष की वह अवधि हैं, जो शनि
ग्रह किसी विशेष राशि पर बिताते हैं एवं ढैय्या इसी तरह की ढाई वर्ष की अवधि
को कहते हैं. सामान्यतः इन दोनों अवधियों को पीड़ादायक माना जाता हैं, लेकिन यह
पूरी कुण्डली पर निर्भर करता हैं कि वास्तव में क्या प्रभाव होंगा. शुभ या अशुभ;
और फिर जीवन के किन पक्षों को प्रभावित करेंगा.
वास्तव में शनि के तुला से वृश्चिक में
राशि परिवर्तन का सही प्रभाव जानने के लिए, यह जरूरी हैं कि कोई अच्छा ज्योतिषी यह
देखे कि शनि कुण्डली के किन भावों का स्वामी हैं, किन भावों पर वह भ्रमण कर रहा
हैं, शनि मूल कुण्डली में किस भाव व किस राशि पर बैठा हुआ हैं; इसके साथ यह सारी
बातें वर्ग कुंडलियों में देखने के साथ साथ, तत्कालीन दशा, अन्य ग्रहों का प्रभाव
आदि अनेकानेक बातें देखनी पड़ती हैं.
चूंकि, ज्योतिष
परंपरा में शनि ग्रह कष्ट, पीड़ा, अकेलापन, वृद्धावस्था, जेलयात्रा, कठिन परिश्रम,
गरीबी, दासता, रोग, निष्क्रियता, यातना, पराजय, अपमान आदि बहुत सारी बुरी बातों को
इंगित करता हैं, इसलिए शनि की छवि आम जनता में बहुत डरावनी बन गयी हैं. इसी का
परिणाम हैं कि ज्योतिषी के वेष में अनेक धोखेबाज व ठग शनि का डर दिखाकर उसकी शांति
के नाम पर भोली भाली आम जनता को ठगते रहते हैं. लेकिन यह पूरा सच नहीं हैं.
शनि जीवन में
बहुत सारे शुभ व सुखद बातों का भी कारक हैं, लेकिन चूंकि वह एक अनुशासनप्रिय ग्रह
हैं, इसलिए थोड़ी सी अनुशासनहीनता सामने आते ही दंड देने से नहीं हिचकता. ऐसे में
जरूरत हैं कि हम शनि ग्रह के अपनी कुण्डली पर पड़ने वाले प्रभाव को बिना किसी लाग
लपेट के सही सही समझे, जिससे हम उसकी महान कृपा से लाभान्वित हो पाए. दुर्भाग्य से
ऐसा सही विश्लेषण करने वाले ज्योतिषीयों की संख्या उँगलियों पर ही हैं.
ऐसे में जब
विश्व की सबसे विश्वसनीय ज्योतिष वेबसाइट ‘एस्ट्रोदेवम् डॉट कॉम’/ ‘AstroDevam.com’ की टीम ने मुझे बताया कि वह 2, नवम्बर, 2014 को होने वाले शनि के राशि परिवर्तन के
प्रभाव के बारे में सही व सटीक विश्लेषण करने वाले हैं, तो मुझे अतीव प्रसन्नता
हुई.
वैसे भी,
ज्योतिष के बारे में अधकचरा ज्ञान रखने वाले ज्योतिषीयों द्वारा चलायी जा रही
वेबसाईटों की भीड़ में, अपनी सटीक व शुद्ध भविष्यवाणियों के कारण ‘AstroDevam.com’ ने अपना एक अलग ही सम्मानित स्थान बना लिया हैं. मुझे विश्वास हैं कि
‘AstroDevam.com’ के अपने पहले के प्रयासों की तरह शनि के राशि परिवर्तन के विश्लेषण को भी
पर्याप्त सराहना मिलेंगी.
मैं हर व्यक्ति
को यह सलाह दूंगा कि वह ‘AstroDevam.com’ के शनि ग्रह के तुला से वृश्चिक में राशि परिवर्तन के वैज्ञानिक विश्लेषण
व आपकी कुण्डली पर उसके सटीक प्रभाव की जानकारी का लाभ उठाकर अपने जीवन के आगामी
ढाई वर्षों के बारे में सुनिश्चित हो जाएँ.
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