कजरी तीज 2025: तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व, पूजा विधि, लाभ व उपाय!
कजरी तीज भारतीय महिलाओं के लिए एक विशेष पर्व है, जिसे वे अपने पति की लंबी उम्र, सुखमय वैवाहिक जीवन और संतान सुख की प्राप्ति के लिए श्रद्धा व समर्पण से मनाती हैं। यह पर्व शिव-पार्वती के दिव्य मिलन का प्रतीक माना जाता है, जिसमें नारीत्व, प्रेम और तप का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।
कजरी तीज 2025 कब है?
a. तिथि: मंगलवार, 12 अगस्त 2025
b. तृतीया तिथि आरंभ: 11 अगस्त, सुबह 10:33 बजे
c. तृतीया तिथि समाप्त: 12 अगस्त, सुबह 8:40 बजे
d. व्रत की तिथि (उदया तिथि अनुसार): 12 अगस्त 2025
पर्व का महत्व:
1. शिव-पार्वती को समर्पित यह तीज व्रत वैवाहिक जीवन में प्रेम व सामंजस्य बढ़ाता है।
2. पति की दीर्घायु और पारिवारिक सुख-शांति के लिए यह व्रत अत्यंत फलदायी माना गया है।
3. कन्याओं को मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होता है।
4. संतान सुख, आर्थिक समृद्धि और ग्रह दोषों से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।
मुख्य रूप से उत्तर भारत – उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान में इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है।
व्रत की विशेषताएं:
a. महिलाएं दिनभर निर्जला उपवास रखती हैं।
b. पारंपरिक लोकगीत और कजरी गाकर वे भक्ति भाव व्यक्त करती हैं।
c. महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं और झूला झूलने की परंपरा निभाई जाती है।
d. रात को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत पूर्ण किया जाता है।
कजरी तीज 2025 के शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)
1. ब्रह्म मुहूर्त:
a. समय: सुबह 4:23 से 5:06 तक
b. महत्व: व्रत का संकल्प लेने, ध्यान करने और मंत्र जाप के लिए यह समय अत्यंत शुभ होता है।
2. विजय मुहूर्त:
a. समय: दोपहर 2:38 से 3:31 तक
b. महत्व: शुभ कार्यों की शुरुआत और पूजन की सफलता के लिए यह समय श्रेष्ठ माना गया है।
3. गोधूलि मुहूर्त:
a. समय: शाम 7:03 से 7:25 तक
b. महत्व: इस समय माता पार्वती की पूजा एवं उन्हें श्रृंगार अर्पित करना अत्यंत फलदायक होता है।
4. निशिता काल:
a. समय: रात 12:05 से 12:48 तक
b. महत्व: चंद्रमा को अर्घ्य देने और रात्रिकालीन पूजन के लिए यह समय विशेष रूप से शुभ होता है।
पूजा विधि:
1. प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प लें।
2. पूजन स्थल पर लाल या पीले वस्त्र बिछाकर शिव-पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें।
3. माता पार्वती को 16 श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें।
4. भगवान शिव को बेलपत्र, गंगाजल, धतूरा आदि समर्पित करें।
5. रात को चंद्र दर्शन कर उन्हें अर्घ्य दें।
6. अंत में शिव-पार्वती की आरती कर सुहागिनों को श्रृंगार सामग्री दान करें।
कजरी तीज व्रत के प्रमुख लाभ:
a. पति-पत्नी के बीच प्रेम और सौहार्द में वृद्धि।
b. संतान प्राप्ति और पारिवारिक आनंद की प्राप्ति।
c. आर्थिक बाधाओं का नाश और समृद्धि का आगमन।
d. मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति।
e. ग्रह दोषों से मुक्ति और कर्म में सफलता।
कजरी तीज 2025 के शुभ उपाय:
1. राधा-कृष्ण मंदिर में मिश्री चढ़ाएं
पति की लंबी उम्र और प्रेम में वृद्धि होती है।
2. मंदिर में इलायची अर्पित करें
मनचाही सफलता व सिद्धि प्राप्त होती है।
3. माता पार्वती को श्रृंगार समर्पित करें
वैवाहिक जीवन में मिठास और स्थिरता आती है।
4. गरीबों को काले वस्त्र दान करें
नकारात्मक ऊर्जा और आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं।
5. शनि मंदिर में सरसों तेल का दीपक जलाएं
रोजगार और कर्म के क्षेत्र में सफलता मिलती है।
6. अन्न या वस्त्र का दान करें
घर में सुख-शांति, लक्ष्मी कृपा और शुभता बनी रहती है।
माता पार्वती को क्या अर्पित करें?
a. सिंदूर, कुमकुम, और बिंदी
b. मेहंदी, चूड़ियाँ, बिछुए
c. दर्पण, कंघी, और इत्र
d. हरे रंग की साड़ी व चुनरी
विवाहित स्त्रियों को इस दिन 16 श्रृंगार करना अनिवार्य माना गया है, जिससे माता पार्वती प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद देती हैं।
निष्कर्ष:
कजरी तीज सिर्फ एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि भारतीय नारी की आस्था, प्रेम और आत्मबल का उत्सव है। यह पर्व हमें यह सिखाता है कि संयम, श्रद्धा और समर्पण से जीवन के हर मोर्चे पर सफलता पाई जा सकती है। 12 अगस्त 2025 को जब आप यह व्रत करें, तो केवल विधि ही नहीं, भावनाओं और निष्ठा से इसे निभाएं।
इस कजरी तीज पर करें संकल्प —
प्रेम, आस्था और आत्मशक्ति से जीवन को संवारने का।
आपकी भागीदारी:
क्या आप भी कजरी तीज का व्रत करती हैं?
कमेंट में लिखें – "हर हर महादेव" या "जय शिव गौरी"
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