मेरी कविता महाशिवरात्रि पर/ My poem on MahaShivaratri



देखा मैंने अपना अंतर
  शिव का नर्तन चले निरंतर.

शिव का नर्तन हर स्तर पर
           सूक्ष्म ज्ञान का अमृत पीकर.


Cosmic Dance of Shiv & Shivaa

तांडव देखो लास्य बना हैं;
                   गूढ़ ग्रन्थ ज्यों भाष्य बना हैं.


निशा ही मैं हूँ, और दिवा हूँ;
                     मैं ही शिव हूँ, और शिवा हूँ.

Note: Āchary Kalki Krishnan, writer of this blog is an established and renowned Astrologer and Vastu Expert, and mentor of AstroDevam, most reliable website regarding Astrology and related sciences. Famous for his positive outlook and honored by a lot of organizations, Āchary Kalki Krishnan prefers to be addressed as ‘Wellness & Harmony Expert’.
He can be contacted at http://astrodevam.com/contact-us.html


टिप्पणी: इस ब्लॉग के लेखक, आचार्य कल्कि कृष्णन्, स्थापित व प्रतिष्ठित ज्योतिषी व वास्तु सलाहकार हैं. वे ज्योतिष विज्ञान सम्बन्धी सबसे प्रतिष्ठित वेबसाइट एस्ट्रोदेवं के संरक्षक हैं. अपने सकारात्मक दृष्टिकोण के लिए विख्यात एवं अनेकानेक संस्थाओं से सम्मानित आचार्य कल्कि कृष्णन्,  स्वयं को ‘संतुष्टि व सामंजस्य विशेषज्ञ’ कहलाना पसंद करते हैं.  उनसे आप http://astrodevam.com/contact-us.html पर संपर्क कर सकते हैं. 

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